उत्तर प्रदेश, जनपद जौनपुर के शाहगंज तहसील के तालिमाबाद स्थित फरीदुल हक मेमोरियल पीजी कालेज के खिलाफ सोशल मीडिया पर लगातार दुष्प्रचार करने, महाविद्यालय की मुस्लिम छात्राओं पर दूसरे मजहब के छात्रों के साथ भाग जाने का आरोप लगाने व टिप्पणी को सोशल मीडिया से हटाने और आगे ऐसी टिप्पणी न करने के बदले दबाव बना कर वसूली करने के आरोपी युवक पर पुलिस ने संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है ,अब उक्त मामले की जांच में पुलिस जुटी है। शाहगंज क्षेत्र के तालीमाबाद, सबरहद स्थित फरीदुल हक मेमोरियल पीजी कालेज के प्राचार्य डाॅ. तबरेज आलम ने पुलिस अधीक्षक को तहरीर देकर बताया था कि सबरहद गांव निवासी इम्तियाज अहमद पुत्र मुमताज एक गिरोहबंद टाइप का व्यक्ति है,जिसके साथ क्षेत्र के तथा शहर के काफी सरकश टाइप के युवक रहते है जो काफी समय से सोशल मीडिया, व संचार के अन्य माध्यमों के अलावा महाविद्यालय के आस—पास गांव में अपने साथियों के साथ जाकर महाविद्यालय के खिलाफ लगातार क्षेत्र में दुष्प्रचार कर करता रहता है।
आरोपी इम्तियाज द्वारा सोशल मीडिया माध्यम से प्रचार कर रहा है कि महाविद्यालय के स्टाफ द्वारा मुस्लिम छात्राओं को लव ट्रैप में फंसाकर धर्मांतरण कराने का प्रयास किया जा रहा है। उसने अपने लेख में बताया है की पिछले 9 वर्षों में 10 लाख छात्राओं व महिलाओं को लव ट्रैप में फसा कर दूसरे धर्म में तब्दील करवाने का काम किया गया है,वही महाविद्यालय को अय्याशी का अड्डा बताता है, तथा शिक्षक को भी उक्त कार्यों में संलिप्त होने की बात कही है ,जिससे कालेज तथा कालेज के स्टाफ व छात्र छात्राओं व उनके परिजनों में रोष व्याप्त हो गया है।
तमाम परिजन कालेज प्रबंधन समिति से उक्त आरोपी के खिलाफ कार्यवाही करने की बात करने लगे ,
पुलिस अधीक्षक को दी गई तहरीर में प्राचार्य ने बताया कि उक्त सम्बंध में जब आरोपी से दुष्प्रचार का कारण पूछा गया तो आरोपी ने दुष्प्रचार बंद करने के लिए 1 लाख रुपये नगदी और 10 हजार रुपये प्रति माह की मांग की। रूपए न देने पर बराबर दुष्प्रचार करने की भी धमकी दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने मुकदमा दर्ज कर तत्काल कार्रवाई का निर्देश दिया है। पुलिस ने विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली है एफआईआर न 174/23 है।
अब सवाल यह उठता है कि क्या पत्रकारिता यही सिखाती है कि आप अपने संस्थान और प्रतिष्ठान के लिए अगर कार्य कर रहे हैं और अपने क्षेत्र में हो रही समस्याओं को उजागर करना चाह रहे हैं तो उसमें कुछ चीजें स्पष्ट और तथ्यात्मक होनी चाहिए ताकि आम जनता उस पर विश्वास कर सके सिर्फ अफवाहों को हवा देना पत्रकारिता नहीं है।