जनपद जौनपुर! मुंगरा बादशाहपुर क्षेत्र के पवारा पवरडींह में स्थित जय मां विंध्यवासिनी का मंदिर आस्था का केंद्र बना हुआ हैl, यहां नवरात्र भर सुबह-शाम आसपास के लोगों का ताता लगा रहाl नवरात्र के छठवें दिन मां कात्यायनी के दर्शन पूजन के लिए श्रद्धालुओं का ताता लगा रहा। देर रात तक भजन कीर्तन होता रहा यहां आने वाले श्रद्धालुओं की हर मांग को मां पूरी करती हैं। जहां पर रोजाना 101 दीपों की मां विंध्यवासिनी की आरती होती है‌।

रिपोर्ट आनन्द

पवारा पवरडींह में स्थित जय मां विंध्यवासिनी मंदिर का निर्माण के पूर्व में मंदिर के स्थान पर एक नीम का पेड़ होता था। जहां गांव के लोग पूरे श्रद्धा और विश्वास के साथ मां का पूजन अर्चन करते थे।मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए कई प्रांतों समेत कई जिले के कर्मकांडी विद्वान पंडितों का आगमन हुआ था। जिसमें कई तीर्थ स्थलों से मिट्टी सहित कई नदियों का गंगाजल मंगाया गया था। कई दिन हवन पूजन के बाद मंदिर का निर्माण शुरू कराया गया था।मंदिर के पुजारी पंडित मोनू महाराज का कहना है कि पहले यहां बहुत आबादी नहीं थी, चारों तरफ जंगल ही जंगल था। एक दिन मां विंध्यवासिनी माता ने उन्हें स्वप्न में दर्शन दिए और विंध्याचल देवी मंदिर का निर्माण कराने की प्रेरणा दी। जिसके फलस्वरूप उन्होंने लोगों की सहायता से मंदिर निर्माण करवाया।
उन्होंने बताया कि मंदिर में आने वाले हर श्रद्धालु यदि सच्चे मन से जो भी कुछ मांगते हैं उनकी सारी मुरादें पूरी होती है। मां के प्रति श्रद्धालुओं का विश्वास उन्हें इधर की चलाता है, मंदिर में आने पर उन्हें अपार शांति एहसास होता है। गांव के बुजुर्गों में प्रभु नाथ मिश्रा, कृपा शंकर मिश्रा, बजरंगी, जय श्री, जटाशंकर, राम अकबाल दुबे, केशव प्रसाद, सदानंद, हीरालाल, लालजी पांडेय,  संजय दुबे, उमाशंकर, अशोक, राधेश्याम, राजेंद्र व  दयाराम दुबे आदि का कहना है कि माता का यह स्वरूप विलक्षण है यहां आकर सच्चे मन से आराधना करने वालों की मनोकामना पूरी होती है। जिसकी मनोकामना पूरी हो जाती है वह भक्त लोग घर से ही  गाजे-बाजे के साथ नाचते गाते मां निशान चढ़ाने आते हैं। और यहां महिलाएं मन्नते के अनुसार कढ़ाई ही चलाती हैं। नवरात्र में  सुबह श्याम भक्तों का रेला लगा रहता है। हर मंगलवार को मां के दर्शन पूजन के लिए हजारों श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है।फिलहाल पवारा का जय मां विंध्यवासिनी मंदिर श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र है। मंदिर निर्माण में आलोक कुमार गुप्ता, रानू गुप्ता, उमाशंकर गुप्ता, सीके गुप्ता, कमलेश, विकेश, बृजलाल मौर्य, सोहन मौर्य व विजय मौर्या आदि लोगों ने मां के मंदिर निर्माण में विशेष सहयोग किया।

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